
पटना: यूक्रेन में रूस के हमले के बाद पहली बार देश में पता चला कि भारत से हजारों स्टूडेंट मेडिकल की डिग्री हासिल करने वहां जाते हैं। इस मुद्दे को लेकर बिहार विधानसभा में विपक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीधे-सीधे सवाल पूछे थे। इस पर सीएम ने इसे केंद्र सरकार पर टाल दिया था। हालांकि स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार हर संभव प्रयास करेगी कि बिहार के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए विदेश ना जा पड़े। मेडिकल की सीटें बढ़ाने की हो रही डिमांड के बीच बिहार से एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है जो चौंकाने वाला है। बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 85 प्रतिशत सीटों पर सेकेंड राउंड एडमिशन के बाद भी 79 सीटें खाली रही गई हैं। यह पहला मौका है जब बिहार के सभी सरकारी 11 मेडिकल कॉलेजों में सीटें खाली रह गई हैं। इतना ही नहीं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की 446 सीटें भी खाली हैं। यानी अपने बिहार में मेडिकल की 525 सीटें खाली हैं, लेकिन यहां के छात्र रूस, यूक्रेन, चीन जैसे देशों में लाखों रुपये खर्च कर मेडिकल की डिग्री लेने जाते हैं।
बिहार के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में खाली रह गई एमबीबीएस की इन 79 सीटों पर पांच अप्रैल से मॉपअप राउंड प्रक्रिया के तहत एडमिशन होंगे। एडमिशन के लिए बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा पर्षद (BCICEB) ने सोमवार को रिवाइज्ड मेरिट लिस्ट जारी कर दी है। अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एडमिशन काउंसेलिंग (UGMAC) 2021 से संबंधित सभी स्टूडेंट्स को मॉपअप राउंड में उपस्थित होकर एडमिशन के लिए सीट सुरक्षित करना होगा।
बिहार के किस सरकारी मेडिकल कॉलेज में कितनी सीटें खाली
- जेकेटीएमसी एंड हॉस्पिटल मधेपुरा : 21
- इएसआइसी मेडिकल कॉलेज बिहटा : 9
- जीएमसी बेतिया: 9
- आइजीआइएमएस : 7
- एनएमसी: 6
- जेएलएनएमसी भागलपुर: 5
- पटना मेडिकल कॉलेज : 5
- एसकेएमसी मुजफ्फरपुर: 5
- वीआइएमएस पावापुरी : 5
- एएनएमएमसी गया: 5
- डीएमसी लहेरियासराय: 2
बोर्ड के विशेष कार्य पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा की ओर से कहा गया है कि जिन कैंडिडेट का BDS कोर्स में सीट आवंटन होता है उन्हें उसी दिन पर्षद कार्यालय में आकर दाखिला लेना होगा, वरना एडमिशन रद्द माना जाएगा।
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प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी सीटें खाली
केवल सरकारी ही नहीं, प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में भी सीटें खाली हैं। बिहार के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 1050 सीटों पर एडमिशन होना है। मॉपअप राउंड में बिहार के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 446 सीटें खाली है। प्राइवेट डेंटल कॉलेज की कुल 240 सीटों में 130 सीटें खाली रह गयी हैं। इन खाली सीटों पर मॉपअप राउंड के तहत एडमिशन पांच से 10 अप्रैल तक होंगे। स्टूडेंट्स को 12 लाख रुपये और प्राइवेट डेंटल कॉलेजों में एडमिशन लेने वालों को 50 हजार रुपये का डिमांड ड्राफ्ट बना कर लेकर जाना होगा। पहली बार सरकारी डेंटल कॉलेज में 30 में से 25 सीटें खाली रह गयी हैं।
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