सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में अर्जी दाखिल कर गुहार लगाई गई है कि सभी नागरिको को इस बात को समझना होगा कि कैसे देश की संस्थानों का आदर करना है और मौलिक कर्तव्य का पालन सुनिश्चित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस एसके कौल की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार और राज्यों से इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा था। याचिकाकर्ता ने कहा है कि संविधान में मौलिक कर्तव्य हर नागरिक के लिए बनाया गया है। लोकतंत्र में हर नागरिक का एक बुनियादी कर्तव्य है क्योंकि अधिकार और ड्यूटी साथ साथ चलते हैं।
इस मामले में आगे कहा गया कि मौलिक कर्तव्य महत्वपूर्ण उपकरण है जिसके जरिये देश की एकता और अखंडता को प्रोटेक्ट किया जाए साथ ही संस्थानों जैसे ज्यूडिशियल संस्थान आदि का आदर किया जाए। कई ऐसे उदाहरण है कि लोग और यहां तक कि कोर्ट ऑफिसर भी मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते हैं। समय आ गया है कि हर नागरिक को इस बात के लिए प्रेरित किया जाए कि वह मौलिक कर्तव्यों का पालन करें। देश की एकता, अखंडता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहें। देश के लोगों की ड्यूटी है कि देश की राष्ट्रीयता और एकता अखंडता बनाए रखने के लिए काम करे।