1991 में रूसी सेना ने हटा दिया था यह टैंक
1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद रूसी सेना ने टी-64 टैंक को सर्विस से हटाने का ऐलान किया था। शुरुआत में इन टैंकों को रिजर्व के तौर पर रखा गया और आने वाले साल-दर-साल इन्हें रिटायर किया गया। इसलिए ऐसी कोई संभावना नहीं है कि इस टैंक को यूक्रेन में रूसी सेना से छीना गया हो या किसी यूक्रेनी ने इस पर कब्जा किया हो। इसके बावजूद फेसबुक पर टैंक बेचने का यह विज्ञापन काफी सुर्खियां बटोर रहा है।
विज्ञापन की वास्तविकता पर संदेह
लेबनानी मूल के ब्रिटिश पत्रकार ओज़ काटरजी ने खुलासा किया है कि संभव है कि किसी ने इस पोस्ट के जरिए मजाक किया हो। उन्होंने सबसे पहले इस टैंक के विज्ञापन को शेयर करते हुए लिखा कि कोई फेसबुक मार्केटप्लेस पर कीव में कब्जा किए गए रूसी टी -64 को बेचने का दावा कर रहा है। बाद में उन्होंने लिखा कि संभव है कि कोई इस पोस्ट के जरिए मजाक कर रहा हो। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें यूक्रेनी सेंस ऑफ ह्यूमर से प्यार हो गया है।
यूक्रेनी सेना का टैंक होने का दावा
एक अन्य यूजर ने लिखा कि यह टैंक यूक्रेनी प्रतीत हो रहा है। उसने दावा किया कि हो सकता है कि डोनबास क्षेत्र के अलगाववादी फोर्सेज ने इस टैंक को यूक्रेनी सेना से छीना हो। इन अलगाववादियों को रूस का समर्थन प्राप्त है। इसके बावजूद विज्ञापन की वास्तविकता को लेकर लोगों में संदेह है।। पिछले महीने के अंत में एक यूक्रेनी किसान ने रूसी सेना के एक टैंक को चुरा लिया था। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया था।