रियाबकोव ने कहा कि अगर वाशिंगटन इसके लिए तैयार है तो रूस अमेरिका के साथ एक सुरक्षा वार्ता फिर से शुरू कर सकती है। उन्होंने कहा कि यह नहीं कहेंगे कि सुरक्षा गारंटी पर रूस के प्रस्ताव पूरी तरह से लागू होंगे, क्योंकि स्थिति बदल गई है। उधर यूक्रेन ने दावा किया है कि रूसी कमांड ने उन लोगों की भर्ती के लिए सूची तैयार की है, जो सैन्य सेवा के बजाय सामुदायिक सेवा श्रमिकों के रूप में यूक्रेन के खिलाफ काम करते हैं।
18 दिनों से चल रहा युद्ध
रूस और यूक्रेन की जंग 18 दिनों बाद भी जारी है। युद्ध के शुरुआती दिनों में पुतिन की सेना को एक कदम पीछे हटना पड़ा था क्योंकि यूक्रेनी सैनिकों के साथ देश की जनता ने भी हथियार उठा लिए थे। लेकिन अब रूसी सेना बर्बर और ताबड़तोड़ हमले कर रही है। कीव पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है और रूसी सेना निर्णायक हमले की तैयारी कर रही है। जेलेंस्की पश्चिमी देशों से सैन्य सहायता और लड़ाकू विमान की मांग कर रहे हैं लेकिन क्या अमेरिका और क्या नाटो, कोई भी रूस से सीधे टकराना नहीं चाहता।
बाइडन बोले- पुतिन युद्ध कभी नहीं जीतेंगे
बाइडन ने लातविया, एस्टोनिया, लिथुआनिया और रोमानिया जैसे देशों में रूस से लगती सीमा पर अपने 12 हजार सैनिक भेजे हैं। हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि वह यू्क्रेन में तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ने जा रहे। बाइडन ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ छेड़े गए युद्ध में कभी विजयी नहीं होंगे। जिस तरह हम यूक्रेन का समर्थन कर रहे हैं, उसी तरह हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना जारी रखेंगे।